
$9.5 ट्रिलियन और बढ़ता हुआ: डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों का गहराई से विश्लेषण
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति, एक ऐसे नेता रहे हैं जिनकी नीतियों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव डाला है। $9.5 ट्रिलियन की यह भारी-भरकम राशि अमेरिकी कर्ज का हिस्सा है, जो ट्रंप के राष्ट्रपति काल में और उसके बाद उल्लेखनीय रूप से बढ़ा। आइए विस्तार से समझते हैं कि कैसे उनकी नीतियों ने इस आर्थिक परिदृश्य को आकार दिया।
ट्रंप के कार्यकाल में राष्ट्रीय ऋण में अभूतपूर्व वृद्धि
जब डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2017 में कार्यभार संभाला, तब अमेरिका का राष्ट्रीय ऋण लगभग $19.9 ट्रिलियन था। लेकिन उनके कार्यकाल के अंत तक यह बढ़कर $27.8 ट्रिलियन के करीब पहुंच गया। इसका मुख्य कारण था कर में कटौती, सैन्य खर्च में वृद्धि और कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारी सरकारी खर्च।
कर कटौती और नौकरियों का अधिनियम, 2017
Tax Cuts and Jobs Act (TCJA) को ट्रंप प्रशासन की सबसे बड़ी आर्थिक नीति के रूप में देखा जाता है। इस अधिनियम के माध्यम से:
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कॉर्पोरेट टैक्स दर को 35% से घटाकर 21% कर दिया गया।
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उच्च आय वाले व्यक्तियों को टैक्स में राहत दी गई।
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छोटी और मध्यम व्यवसायों को अस्थायी राहत दी गई।
हालांकि, इन कर कटौतियों से सरकार की आय में कमी आई, जिससे बजट घाटा और राष्ट्रीय ऋण दोनों में वृद्धि हुई।
बढ़ता हुआ रक्षा बजट और उसकी भूमिका
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में अमेरिकी रक्षा बजट को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचाया। 2017 से 2020 के बीच यह बजट $600 बिलियन से बढ़कर $732 बिलियन तक पहुंच गया।
इस भारी-भरकम खर्च का तर्क राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सैन्य वर्चस्व को बनाए रखना था, लेकिन इसका सीधा असर सरकारी खर्च में वृद्धि और ऋण के बोझ में इजाफे के रूप में देखा गया।
कोविड-19 राहत पैकेज: ज़रूरत या आर्थिक बोझ?
2020 में कोविड-19 महामारी के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जबरदस्त गिरावट आई। इस संकट से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन ने कई राहत पैकेज लॉन्च किए:
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CARES Act (Coronavirus Aid, Relief, and Economic Security Act) के तहत $2.2 ट्रिलियन का खर्च किया गया।
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बेरोजगारी भत्ते, PPP लोन, और स्टिमुलस चेक जैसे उपायों ने अस्थायी राहत तो दी, लेकिन सरकारी कर्ज में जबरदस्त वृद्धि हुई।
कोविड राहत पैकेज के कारण अकेले 2020 में अमेरिका का बजट घाटा $3.1 ट्रिलियन से अधिक हो गया, जो GDP का लगभग 15% था।
व्यापार युद्ध और उसका आर्थिक प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप ने ‘America First’ नीति के तहत कई देशों के साथ व्यापार युद्ध छेड़ा, विशेषकर चीन के साथ।
चीन पर टैरिफ और बदले में जवाबी टैरिफ:
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अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर $360 बिलियन से अधिक के टैरिफ लगाए।
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चीन ने भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाए।
इस व्यापार युद्ध का कृषि, विनिर्माण और तकनीकी क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिससे सरकार को किसानों और कंपनियों को सब्सिडी के रूप में अरबों डॉलर खर्च करने पड़े। इस अप्रत्याशित खर्च ने भी ऋण बढ़ाने में भूमिका निभाई।
ट्रंप की नीतियों के आर्थिक नतीजे: समर्थन बनाम आलोचना
समर्थनकर्ताओं का दावा:
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बेरोजगारी दर में गिरावट (2020 से पहले)
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स्टॉक मार्केट में तेजी
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GDP वृद्धि दर में सुधार
आलोचकों की नजर में:
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कर कटौतियों से सिर्फ अमीरों को फायदा
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राष्ट्रीय ऋण में खतरनाक वृद्धि
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दीर्घकालिक आर्थिक असंतुलन की नींव
$9.5 ट्रिलियन: क्या यह सिर्फ ट्रंप की देन है?
हालांकि इस विशाल ऋण वृद्धि का अधिकांश हिस्सा ट्रंप के कार्यकाल के दौरान हुआ, लेकिन यह भी ध्यान देना ज़रूरी है कि इसमें से कुछ हिस्सा बाइडेन प्रशासन के शुरुआती खर्चों का भी है। फिर भी, ट्रंप प्रशासन की नीतियाँ, खासकर कर कटौती और कोविड राहत, इस ऋण वृद्धि के मुख्य कारक रहे हैं।
भविष्य की ओर: अमेरिका के सामने चुनौतियाँ
$9.5 ट्रिलियन का अतिरिक्त कर्ज अमेरिका की वित्तीय नीति के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। भविष्य में यह:
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ब्याज दरों में वृद्धि का कारण बन सकता है।
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सरकारी सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा पर दबाव डाल सकता है।
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अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल सकता है।
इसलिए अमेरिका को राजकोषीय अनुशासन, राजस्व में वृद्धि, और सतत विकास नीतियों की ओर ध्यान देना होगा।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था में तेज गति से बदलाव लाए, लेकिन इसके साथ-साथ राष्ट्रीय ऋण का बड़ा बोझ भी जोड़ दिया। $9.5 ट्रिलियन की यह राशि केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि उन नीतिगत निर्णयों की गूंज है, जिनका प्रभाव आने वाले दशकों तक महसूस किया जाएगा।
यदि अमेरिका को एक संतुलित और सशक्त आर्थिक भविष्य की ओर बढ़ना है, तो उसे वित्तीय विवेक, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संतुलन, और नवाचार पर निवेश जैसे पहलुओं को प्राथमिकता देनी होगी।